एक Byte ..और.. देखें VIDEOःधरमजीत सिंह बोले-छत्तीसगढ़ की सियासत में शराब और पैसा हावी..उपनिवेश बनकर रह गया बिलासपुर जिला
लोरमी विधानसाभा सीट से कई बार विधायक और प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे धरमजीत सिंह का नाम इस समय छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी) के बड़े नेताओँ में शुमार है। उनके मानना है कि पिछले दो-तीन दशक के दौरान राजनीति में गिरावट आई है। राजनीति में पैसे और शराब का असर बढ़ा है और सुचिता -शालीनता की राजनीति में कमी आई है। वे यह भी मानते हैं कि अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने में राजनीतिक नेतृत्व के मामले में अपनी अलग स्थान रखने वाले बिलासपुर जिले की वैसी पहचान अब नहीं रही।
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cgwall.com की नई सीरीज … एक Byte… और ….. में कुछ सवालों का जवाब देते हुए उन्होने ये बातें कहीं। उनसे पहला सवाल था कि पिछले दो -तीन दशक की राजनीति में किस तरह का बदलाव देखते हैं…..? इस पर उन्होने कहा कि तीन दशक पहले जिन नेताओँ के साथ काम करने का मौका मिला वे बहुत अधिक प्रभावशाली थे। उनकी भाषा में शालीनता थी औऱ कार्यकर्ताओँ के मन में उनके प्रति काफी आस्था थी। लोग पार्टी का काम बिना किसी स्वार्थ या माँग के करते थे। धरमजीत सिंह याद करते हैं कि उस समय एडवांस तकनीक नहीं थी , लिहाजा गेरू लेकर दीवारों पर चुनाव चिन्ह बनाना पड़ता था और सायकल पर चलकर भी पार्टी के लिए काम करते थे। लेकिन आजकल जिम्मेदारी सौंपने से पहले लोगों की अपनी शर्तें होती हैं , जिसे मानना पड़ता है। आज के दौर में छोटे- बड़े के सम्मान में भी कमी आई है।
यह पूछने पर कि छत्तीसगढ़ राज्य बनते समय यहां के नेतृत्व को लेकर किस तरह की उम्मीदें थी और उम्मीदें किस हद तक पूरी हुईँ….? धरमजीत सिंह कहते हैं कि पता नहीं ऐसा क्यों और कैसे हुआ कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो – तीन चुनाव से राजनीति में पैसा और शराब का असर काफी बढ़ गया। जिससे अच्छे लोग राजनीति नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि यह भ्रम ही है कि शराब बांटने से वोट हासिल किए जा सकते हैं। लेकिन इन बुराइयों को दूर किया जाना चाहिए । जिससे शालीन और शिष्ट लोग राजनीति में आगे आ सकेंगे।
बिलासपुर के नेतृत्व से जुड़े सवाल पर उन्होने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय बिलासपुर जिले की गिनती राजनैतिक नजरिए से अग्रणी जिले के रूप में होती रही है। यहां के सभी पार्टियों के बड़े नेताओँ ने अच्छा नेतृत्व दिया।उन्होने इस सिलसिलें में कई नेताओँ के नाम भी गिनाए…..फिर आगे कहा कि लेकिन अजीत जोगी जब से मुख्यमंत्री पद से हटे हैं, उसके बाद से बिलासपुर एक उपनिवेश बनकर रह गया है..।न इसकी बखत हैैै…न पहचान है..और अब तो मुख्यमंत्री भी यहां अधिक समय तक रुकना पसंद नहीं करते।