देखें VIDEO:धरम लाल कौशिक बोले-पहले व्यक्तिगत नहीं सैद्धांतिक थी राजनीति..कई क्षेत्रों में बढ़ा है राजनीति का दखल..
मीडिया के आज के दौर में सियासत Byte…. से चलती है…..। आरोप हो…. प्रत्यारोप हो…. या किसी को अपनी कोई बात सामने रखना हो…. Byte… के जरिए ही लोगों तक पहुंचती है….। “ एक ….Byte …और…” के जरिए हम राजनीतिक लोगों तक सियासत में आ रहे बदलाव से जुड़े सवालों को लेकर पहुंच रहे हैं, जिसके जरिए यह समझने की कोशिश है कि आखिर ये बदलाव क्या है….. क्यों है….. कैसा है…. और इसका राजनीति पर क्या असर पड़ रहा है। इस सीरीज में अब कि बार छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक के साथ cgwall.com की बातचीत के अँश शेयर कर रहे हैं…छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धरम लाल कौशिक का मानना है कि राजनीति में पिछले दो- तीन दशक के दौरान बदलाव आया है । पहले मुद्दों पर आधारित सिद्धांतों की राजनीति होती रही। लेकिन अब राजनीति से जुड़े लोगों की व्यक्तिगत अपेक्षाएं बढ़ी हैं। जनप्रतिनिधियों की भूमिका का दायरा पहले से बढ़ा है और कई क्षेत्रों में उनकी दखल भी बढ़ी है। वे यह भी मानते हैं कि छत्तीसगढ़ का नेतृत्व न केवल मजबूत है बल्कि जनादेश का सम्मान करकते हुए जनता की अपेक्षाओँ को भी पूरा करने में कामयाब रहा है।
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cgwall.com की खास पेशकश एक ….Byte…और….में राजनीति में आए बदलाव से जुड़े सवालों के जवाब देते हुए धरम लाल कौशिक ने कहा कि इस देश की आजादी की लड़ाई के समय राजनीति से जुड़े लोगों ने अहम् भूमिका निभाई। इसके बाद आम लोगों का सपना पूरा करने की दिशा में पहल हुई। जो विकास दिखाई दे रहा है, यह उसका ही सुखद परिणाम है। राष्ट्र के प्रति समर्पण , राष्ट्र का विकास और आम जन की सेवा के साथ देश में राजनीति की शुरूआत हुई थी। सैंद्धातिक और व्यावहारिक राजनीति में सभी ने देखा है कि हमारी पुरानी पीढी के नेता, चाहे वे किसी दल के हों- उन्होने मुद्दों पर आधारित राजनीति की जिसमें व्यक्तिगत कुछ भी नहीं था। स्वस्थ प्रजातंत्र की परंपरा को मजबूत करते हुए अपनी भूमिका का निर्वहन करते रहे। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष- लड़ाई सिद्धांतों के आधार पर लड़ी जाती रही। पुरानी पीढी नें जिस तरह की राजनीति की है , उसके सुखद परिणाम हम सब के सामने है।
धरम लाल कौशिक मानते हैं कि पिछले दो-तीन दशक के दौरान राजनीति से जुड़े लोगों की अपेक्षाएं बढ़ीं है। पहले जनप्रतिनिधियों का दायरा सीमित रहा। लेकिन व्यापकता बढ़ गई है। अब लोग चाहते हैैं कि हर एक क्षेत्र में उनकी दखल हो। चाहे निर्माण कार्य हो या विकास कार्य हो या फिर व्यक्तिगत अपेक्षाएं हों….. जनप्रतिनिधियों में यह बदलाव तो आया है। लेकिन जहां तक छत्तीसगढ़ के नेतृत्व का सवाल है धरम लाल कौशिक मानते हैं कि डा. रमन सिंह और बीजेपी का नेतृत्व जनता की कसौटी पर खरा उतरने में कामयाब रहा है। वे कहते हैं कि छत्तीसगढ़ की स्थापना के बाद पहले चुनाव के बाद भाजपा और डा. रमन सिंह को नेतृत्व का अवसर मिला। उस समय अशिक्षा, गरीबी, बीमारू, कुपोषण इस प्रदेश की पहचान थी। लेकिन डा. रमन सिंह की अगुवाई में सरकार ने सभी चुनोतियों का सामना करते हुए इस प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में ला खड़ा किया है। इस मायने में छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के समय नेतृत्व को लेकर जो अपेक्षाएं जनमानस में थीं, उसे पूरा करने में डा. रमन सिंह कामयाब रहे हैं।